यदि भगवान ने पश्चाताप किया:
1) मनुष्य का निर्माण करना; स्त्री को पैदा करने का;
2) शाऊल को चुनना;
3) मूसा को चुनना;
4) ऐसी बहुत सी चीज़ों और ग़लतियों के बारे में जिन्हें ईश्वर स्वीकार करता है कि उन्होंने किया है।
5) उसने सुधार करना शुरू कर दिया क्योंकि उसने नहीं सोचा था कि उस समय आदमी को अकेला नहीं रहना चाहिए - तब भगवान भगवान ने घोषणा की: "आदमी के लिए अकेले रहना अच्छा नहीं है; मैं उसकी मदद करने और उसके अनुरूप होने के लिए किसी को बनाऊंगा "; परन्तु आदम की न तो माता थी और न पिता, परन्तु परमेश्वर ने कहा, कि वह इस बात को भूल गया; इस कारण मनुष्य अपने माता-पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से मिला रहेगा, और वे एक तन होंगे;
6) तब ईश्वर फिर भूल में पड़ गयेः सर्प ने स्त्री से कहा, ''वे निश्चय ही नहीं मरेंगे!
5 परमेश्वर जानता है, कि जिस दिन तुम उसे खाओगे उसी दिन तुम्हारी आंखें खुल जाएंगी, और तुम परमेश्वर की नाई भले बुरे का ज्ञान कर लोगे।
तब यहोवा को पृथ्वी पर मनुष्य को बनाने पर पछतावा हुआ, और इससे उसका हृदय टूट गया।
7) प्रभु ने कहा, ''मैं मनुष्य को, जिसे मैंने बनाया है, पृथ्वी पर से गायब कर दूँगा, मनुष्य और जानवर, बड़े और छोटे, और आकाश के पक्षियों को। मुझे उन्हें बनाने पर अफसोस है।'' - उसने बाढ़ भेजी... उसने केवल नूह और उस जहाज़ को जानवरों से बचाया और उसके साथ जानवरों की कुछ प्रजातियाँ भी थीं...
8) शमूएल ने शाऊल की मृत्यु के दिन तक उसे फिर कभी नहीं देखा, यद्यपि वह उसके कारण दुःखी था, क्योंकि प्रभु को शाऊल को इस्राएल का राजा स्थापित करने का पछतावा था।
यहोवा ने शमूएल से कहा, तू कब तक शाऊल के कारण शोक करता रहेगा? इसे राजा बनाओ।"
8) दुष्ट आत्मा भी ईश्वर से आती है! हो सकता है कि हमारा प्रभु अपने इन सेवकों को एक ऐसे व्यक्ति की तलाश में भेजे जो वीणा बजाना जानता हो। जब दुष्ट आत्मा परमेश्वर की ओर से आकर तुम्हें पकड़ लेगी, तब वह मनुष्य वीणा बजाएगा और तुम अच्छा महसूस करोगे।”
9) क्या परमेश्वर ने अपने सबसे वफादार सेवक अय्यूब के मासूम बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जो पाप के बिना रहते थे?
ऊज़ देश में अय्यूब नाम का एक मनुष्य रहता था, वह सीधा और धर्मी मनुष्य था; वह परमेश्वर का भय मानता था और बुराई करने से दूर रहता था।
तब यहोवा ने शैतान से कहा, क्या तू ने मेरे दास अय्यूब को देखा है? पृथ्वी पर उसके तुल्य खरा, सीधा, परमेश्वर का भय माननेवाला और बुराई से दूर रहनेवाला मनुष्य कोई नहीं है।
वह अभी बोल ही रहा था, कि एक और दूत ने आकर कहा, तेरे बेटे-बेटियां बड़े भाई के घर में भोज में खा रहे थे, और दाखमधु पी रहे थे।
19 और अचानक जंगल से बहुत तेज आँधी आई और घर के चारोंकोनों से टकराकर ढह गई। वे मर गए, और मैं ही एकमात्र व्यक्ति था जो आपको बताने के लिए बच गया!”
20 जब अय्यूब ने यह सुना, तो उठकर अपना बागा फाड़ डाला, और अपना सिर मुंड़ा लिया। तब उस ने भूमि पर मुंह करके दण्डवत् किया,
इस सब में अय्यूब ने पाप नहीं किया और किसी भी चीज़ के लिए परमेश्वर को दोषी नहीं ठहराया।
यह सब साटम के साथ भगवान की शर्त के कारण?
तो मैं कुछ नहीं जानता?
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